Sunday, March 25, 2007

अनुराग मुस्कान: व्रत स्पेशल चाऊमीन (व्यंग्य)

व्रत स्पेशल चाऊमीन
-अनुराग मुस्कान

इस बार नवरात्रों से पहले ही हम नौ दिन के व्रत रखने को लेकर अतिउत्साहित थे। हम यानि मैं, मेरी धर्मपत्नी और हमारे मुन्ना-मुन्नी। दरअसल पिछली बार नवरात्रों पर रखे व्रत के अनुभव ने हमें रोमांचित कर रखा था। पिछली बार नवरात्रों में पूरे नौ दिन के व्रत रखना अभूतपूर्व एवं आनंददायक अनुभव सिध्द हुआ था। व्रत वाले समोसे, व्रत वाली कचौड़ी, व्रत वाली पकोड़ी, व्रत वाली चाट, व्रत वाली कुल्फी, क्या नहीं था बाजार में। इसलिए पूरे नौ दिन व्रत रखने के पत्नी के निवेदन सहित प्रेषित सुझाव को मैंने एक बार भी टालने का प्रयास नहीं किया था और झटपट व्रत रखने को तैयार हो लिया था। वैसे भी कभी-कभी पत्नी का कहा मान लो तो उसे महिला अधिकारों के प्रति पुरुषों की बेइमानी का आभास तक नहीं होता।
वैसे पत्नी का कहा मैं एक बार को टाल भी देता किन्तु टीवी पर एक पंच सितारा होटल की कमसिन और खूबसूरत शेफबाला का निमत्रंण मैं नहीं ठुकरा सका जो अपने होटल में नवरात्रों के सुअवसर पर पके विभिन्न व्रत वाले व्यंजनों का ब्यौरा देते हुए बस एक बार आने की दावत दे रही थी। मुझे याद है, प्रथम माता शैलपुत्री और द्वितीय ब्रह्मचारिणी के व्रत दिवस पर हमने सुबह नाश्ते में फल-फ्रूट का जोरदार चाट बनाकर डकारा था और दोपहर को देशी घी में तर माल सेंधा नमक के साथ पका कर चकाचक पेट पूजा की थी। शाम को निकल गए थे पास के फूड प्लाजा मार्केट में और व्रत वाले भल्ले, व्रत वाले डोसे, व्रत वाली इटली खाकर व्रत सफल बनाया था। इन दो दिनों में व्रत के माध्यम से हमारा भक्ति भाव देखकर मुन्ना-मुन्नी में भी माता की लगन भक्ति रस बनकर लार टपकाने लगी थी। उन्होने ने भी ऐलान कर दिया था कि कल से वह भी व्रत रखेंगे।
फिर क्या था तीसरी देवी चंद्रघंटा से लेकर नौवीं देवी सिध्ददात्री तक मुन्ना-मुन्नी भी व्रत में रहे थे। बाजार को केवल हमारी ही नहीं बल्कि मुन्ना-मुन्नी की भी भरपूर चिंता थी। तभी तो उनके लिए भी व्रत वाली चाऊमीन, व्रत वाले मोमोज्, व्रत वाला सूप और व्रत वाले बर्गर का बंदोबस्त लगभग हर चौराहे पर था। भक्ति में निश्चित ही बडी शक्ति होती है। दो ही दिन में हमें व्रत का फल मिलने लगा। मेरे ऑॅफिस में बॉस को जैसे ही पता चला कि मैंने पूरे नौ दिन के व्रत रखे हैं उसने तरस खाकर मेरे हिस्से का काम भी मेरे एक कर्मठ सहयोगी की टेबल पर पटवा दिया। 'आजकल व्रत में हूं यार बाद में बात करूंगा।', बस इतना कहते ही रुपये-पैसों का तकाजा करने वाले भी बस चुपचाप आश्वासन का प्रसाद लेकर लौट जाते थे। उधर पत्नी भी नवरात्रि स्पेशल किटी पार्टीयों और ऐसे ही नवरात्रि स्पेशल मेले-तमाशे के आयोजनों में तंबोला, म्यूजिकल चेयर, गरबा और डांडिया खेलकर बहुतेरे ईनाम जीत लाई थी। मुन्ना-मुन्नी भी नौवीं पर कन्या-लुंगुरा के रूप में पूजे जाने पर हलुवा-पूड़ी के साथ मिलने वाले पैसों का हिसाब-किताब लगाने में प्रथम दिवस से ही अति उत्साहित थे।
नौ दिनों के व्रत में भांति-भांति का व्रत स्पेशल खा-खाकर हृदय से बस एक ही पुकार निकलती रही कि हे मां, तूने काहे केवल नौ ही रूप धरे, पूरे तीन सौ पैंसठ रूप धरने में तेरा क्या जाता था सर्वदाती। यह व्रत वाला फंडा तो बहुत सॉलिड है सिध्दिदायनी। एक सितारा होटल से लेकर पंच सितारा होटल तक सभी व्यवसायी व्रत स्पेशल रेग्यूलर थाली, व्रत स्पेशल एक्जिक्यूटिव थाली और व्रत स्पेशल एक्सक्लूसिव थाली तेरे भक्तजनों को परोस कर पुण्यलाभ कमा रहे थे मां लक्ष्मीस्वरूपा। मैंने तो व्रत स्पेशल खमण ढोकला और व्रत स्पेशल मक्के दी रोट्टी ते सरसों दा साग, ओ भी मख्खन पा के खाया तो मेरे मन विच आया कि अब वह दिन भी दूर नहीं जब व्रत स्पेशल मदिरा के साथ व्रत स्पेशल नानवेज वैराइटी के पैकेज भी उपवास के दौरान भक्तों में ऊर्जा और शक्ति का संचार करेंगे। अब वो दिन हवा हुए साहब जब अन्न की तासीर के मिली ताकत की कमी को बस भक्ति की शक्ति ही पूरा करती थी। नया जमाना है भक्तजनों, यहां तो भूखा रह कर उपवास अब केवल गरीब ही रख सकता है और कोई बडी बात नहीं कि कल उसके लिए भी कोई व्रत स्पेशल स्कीम बाजार में आ जाए। मल्टीनेशनल कंपनियां हर वर्ग के लिए फिमंद हैं। तरस आता है उन दादी-नानी टाइप माताओं पर जो आज भी लौंग के दो जोड़ों पर नवरात्रि का व्रत रखकर नौ दिनों में शारीरिक रूप से कमजोर हो जाया करती हैं। अरे जरा सोचिए, ऐसे में जब भगवान भी चकाचक दूध पीने लगे हैं, हमें भी तो मलाई मारनी चाहिए। सो इस बार भी हम पूरे नौ दिन के व्रत पर हैं। जय माता दी।

(24-03-2007 को 'दैनिक भास्कर' में प्रकाशित)

2 comments:

Anonymous said...

क्या बात है व्रत में भी फायदे की बात, खाये जाओ खाये जाओ माता के गुण गाये जाओ :)

ePandit said...

बहुत खूब अनुराग भाई, आपकी बातें सुनकर अफसोस हो रहा है कि हमने भी व्रत काहे न रखे। लेकिन हमारे यहाँ ये सब स्कीमें उपलब्ध नहीं थी। :)