Monday, April 9, 2007

घर बैठे बनिए ज्योतिषी- मुफ्त ज्योतिष गाइड

मुफ्त ज्योतिष गाइड

'टीम इंडिया सबको धोबी पटका देते हुए वर्ल्ड कप लेकर वापस आएगी।', ऐसी भविष्यवाणियां करके भविष्य बांचने का दावा करने वालों ने खूब कमाया। पूरी तो नहीं लेकिन उनकी आधी भविष्यवाणी जरूर सच साबित हुई, नतीजतन टीम इंडिया वापस लौट आई। कुल मिलाकर मैंने देखा है कि मामला चाहे जैसा भी हो, मसलन, टीम इंडिया के भविष्य से लेकर अभिषेक और एश्वर्या के वैवाहिक जीवन के भविष्य तक, भविष्य बांचने वालों की हर हार में पौ-बारह रहती है। इधर मुझे भविष्य बांचने के मामले में चकाचक फ्यूचर नजर आ रहा है।
अगर आप भी रोजगार के लिए पचासियों जगह जूते घिस-घिसकर परेशान हो चुके हैं तो निराश न हों बल्कि यूं समझें कि आपके भाग्य का सितारा बस चमकने ही वाला है। यह बात भी आपके सितारे ही बता रहे हैं। जी हां, सितारे बोलते भी हैं। बस सितारों की भाषा समझने वाला होना चाहिए। तो आपके सितारे कह रहे हैं कि हर तरफ से ठोकर खा चुके आप, हर तरफ से निराश हो चुके लोगों का भविष्य बांचने के धंधे में हाथ क्यों नहीं आजमाते। न हींग लगे न फिटकिरी और रंग भी चोखा आए। तो घर बैठे बन जाइए ज्योतिषाचार्य। आजकल भविष्यवक्ताओं के करियर में उछाल को देखते हुए आपके लिए भी प्रस्तुत है ज्योतिष गाइड वह भी बिलकुल मुफ्त-
सबसे पहले तो अपने दिल से यह डर निकाल दीजिए कि आप, जो अपना वर्तमान तक नहीं जानते वह लोगों का भविष्य क्या बांचेगा। देखिए, लोगों का भविष्य बांचने के लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि आपके बाप या दादा कभी इस पेशे में रहे हों, आप डायरेक्ट भी इस धंधे में एंट्री ले सकते हैं। ज्योतिषाचार्य बनने के लिए आपको कहीं से डिग्री या डिप्लोमा लेने की जरूरत भी नहीं है और न ही कहीं से इसकी ट्रेनिंग ही लेनी है। यह तो विशुध्द रूप से बोलवचन देने और बकलोली करने धंधा है जिसे आप घर बैठे आसानी से अपनी गाढी और मोटी कमाई का जरिया बना सकते हैं। घर बैठे दौलत कमाने का पॉलिटिक्स के बाद यह दूसरा धंधा है। बल्कि इस धंधे में अगर आपकी दुकान चल निकली तो आप बडे से बडे पॉलिटिशियन की जेब की हजामत भी बना सकते हैं। उसे एमएलए, एमपी से होते हुए प्रधानमंत्री बनाने के सपने दिखाते-दिखाते, ग्रह-नक्षत्रों के शुध्दिकरण के नाम करवाते रहिए यज्ञ और हवन और लेते रहिए दक्षिणा। सबसे मजे की बात तो यह है कि अपनी गद्दी पर बैठकर आपको कुछ बोलना ही नहीं है, जो कुछ बोलेंगे वह सामने वाले के सितारे बोलेंगे। जो भी मन में आए बस सितारों के कंधे पर बात की बंदूक रखकर दाग दीजिए जातक के सीने में गोली। इस तरह इस व्यवसाय में आप किसी भी आरोप और दोष से भी सर्वथा मुक्त रहते हैं। किसी तरह की कोई हत्या गारंटी से गले नहीं पडती।
बस दो-चार मुख्य बातों का हमेशा ख्याल रखिए। गद्दी पर बैठकर थोड़े-थोड़ अंतराल पर आंखें बंद करके ऊपरवाले से कनेक्शन की सी मुद्रा बनाइए। जब जातक के टेढ़े सवाल का कोई जवाब नहीं सूझ रहा तो कह दीजिए कि अभी ऊपर से कोई जवाब नहीं आ रहा, इस सवाल का उत्तर देने का अभी उपयुक्त योग नहीं है। राहू, केतु, मंगल, शनि, सूर्य और बृहस्पति से खेलिए। इन गृहों का अपने मन मुताबिक एक दूसरे के घर में आवागमन और धुसपैंठ कराते रहिए। किसी को भारी किसी को हल्का बताइए। पंचाग सामने रखकर ध्यान लगाने के बहाने एक झपकी लेकर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल पर टिप्पणी मार दीजिए। ऊंच, नीच, ढहीया, साढे साती और महादशा जैसी धुमावदार शब्दावली का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कीजिए।
आप देखेंगे कि लोगों का भविष्य बांचते-बांचते आपका पीआर सॉलिड होने लगेगा। ऐसे में मौका देखकर किसी अखबार में राशिफल वाला नियमित कॉलम पकड लीजिए, और कहीं अगर किसी टीवी चैनल में आपकी सेटिंग जम गई तो समझिए कि आप पर उच्च का शनि फिदा हो गया है, आपके मंगल ने चंद्रमा से सांठगांठ कर ली है, आपका सूर्य आपके भाग्यघर में अपनी कोठी बना चुका है और राहु-केतु ने आपकी चाकरी करनी शुरू कर दी है। फिर तो लोगों का भविष्य बांचने के अलावा आप बे-रोकटोक खेल, राजनीति और मौसम पर भी अपने हवाई दावे ठोंक सकते हैं। निश्चिंत रहिए और विश्वास रखिए कि आपके द्वारा दी गई मौसम की जानकारी मौसम विभाग की जानकारी से कहीं ज्यादा सटीक होगी।
इतना सब करने के बाद आपको पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखना पडेगा। पीछे मुड़ कर न देखने में ही आपकी भलाई जो होगी। आप देखेंगे की बिलकुल नए धंधे में बगैर तैयारी के साथ उतरने से लूज हुआ आपका कॉन्फीडेंस, जातकों द्वारा की जा रही आपकी चरणवंदना से गेन होता रहेगा। अब आप बेखौफ होकर अपनी ज्यातिष की दुकान चला सकते हैं, और वैसे भी अपने भविष्य को लेकर आपका मुंह ताक रहे जातक की इतनी हिम्मत कहां कि आप जैसे ज्योतिषाचार्य की योग्यता पर ऊंगली उठा दे। जातक अगर इतना ही समझदार होता तो आपके चक्कर में ही क्या पड़ता।
(आज दैनिक भास्कर में प्रकाशित)

4 comments:

हरिराम said...

ज्योतिष/हस्तरेखा भी एक प्रभावी विज्ञान है, किन्तु हथेली पर कर्म-रेखा को भाग्य-रेखा से अधिक गहरा होना चाहिए।

ePandit said...

यह सच है कि आजकल नकली ज्योतिषियों की बाढ़ आई हुई है लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि ज्योतिष विज्ञान झूठा है। मैं खुद एक विज्ञान का छात्र रहा हूँ किसी समय मैं भी यही समझता था कि ज्योतिष आदि सब तुक्केबाजी है। फिर एक बार छुट्टियों में मैंने इसकी एबीसी सीखनी शुरु की तो मालूम हुआ कि यह विशुद्ध रुप से गणित और विज्ञान है। दुख है कि समयाभाव से यह क्रम जारी न रख पाया।

ज्योतिष के मुख्यतः दो भाग होते हैं = गणित और फलित। गणित में मुख्य रुप से नामानुरुप गणित का ही प्रयोग होता है। इसमें जन्मपत्री, वर्षफल बनाना आदि आते हैं। फलित में इनके आधार पर फल कहा जाता है। यह फल कुछ निर्धारित फॉर्मूलों के आधार पर कहा जाता है। जिस प्रकार विज्ञान में फॉर्मूले होते हैं उसी तरह यह भी होते हैं।

अब विडंबना यह है कि कई पाखंडी ज्योतिषी जनता को ठगकर इस महान शास्त्र को बदनाम कर रहे हैं।

जो भी लोग ज्योतिष को बकवास समझते हैं उनसे मेरा निवेदन है कि ऐसा निर्णय लेने से पहले एक बार ज्योतिष की सरल पुस्तकों का अध्ययन करके देखें फिर ऐसा कहें।

संगीता पुरी said...

संभावनाओं का कोई विज्ञान श्त-प्रतिशत सटीक नहीं हो सकता , यह मेरा दावा है।जब हम ज्योतिषी स्वयं यह मान रहे हैं कि ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव तो पृथ्वी के जड़-चेतन के साथ-साथ मानव-जीवन पर भी पड़ता है और इस तरह मानवजीवन को प्रभावित करने में एक बड़ा अंश विज्ञान के नियम का होता है , परंतु साथ ही साथ मानव जीवन को प्रभावित करने में छोटा अंश तो सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक- तथा देश-काल-परिस्थिति का भी होता है। फिर ज्योतिष की भविष्यवाणियों के शत-प्रतिशत सही होने की बात आ ही नहीं सकती।ज्योतिष से शत-प्रतिशत सही भविष्यवाणी न होते दिखाई पड़ने से आजतक ज्योतिष को अविकसित विज्ञान की ही श्रेणी में छोड़ दिया जाता रहा है , विकासशील विज्ञान की श्रेणी में भी नहीं आने दिया जाता , फिर भला यह विकसित विज्ञान किस प्रकार बन जाए ?

Astrologer Sidharth said...

बहुत खूब अनुराग जी

एक अर्ज करना चाहूंगा कि इंटरप्रटेशन साइंस के बारे में थोडा पढ़ भी लीजिए इससे आप और अधिक सटीक व्‍यंग कर पाएंगे फिलहाल यह बहुत सतही लग रहा है।